इनवर्टर की बैटरी में पानी कब,और कैसे डाला जाता है, जानिए एकदम बेस्ट तरीका।

आखिर, इनवर्टर की बैटरी में पानी कब,और कैसे डाला जाता है, जानिए एकदम बेस्ट तरीका।बिल्कुल आसान भाषा में।

अधिकतर घरों में आजकल इनवर्टर का उपयोग पावर कट हो जाने पर किया जाता है। इनवर्टर का उपयोग बिजली के पावर कट हो जाने पर वास्तव में बहुत हेल्पफुल होता है। यह इनवर्टर बैटरी बिजली की कमी को पूरा करने में सहायक होता है। और घरेलू उपयोग के लिए बिजली की आपूर्ति को स्थिर रखने में मदद करता है। इनवर्टर पावर को अक्सर बैटरी से चार्ज करके रखता है। ताकि यह जब आवश्यक हो तो इसे उपयोग किया जा सके। इससे आप बिजली के प्रतिबंधन के समय में भी अपने घरेलू उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि मशीन, पंखा, पीसी, टीवी, रोशनी आदि। इसके अलावा, इनवर्टर का उपयोग कंपनियों और व्यापारिक स्थानों में भी किया जाता है ताकि कार्य करने में कोई समस्या ना हो।और कार्य के दौरान व्यावसायिक उपकरणों का उपयोग जारी रह सके।तो आइये आपको हम बताते हैं। एक इनवर्टर बैटरी में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

गर्मियों में बैटरी खराब ना हो इसके लिए आपको हमेशा अपनी बैटरी को चेक करते रहना है। अगर आपके एरिया में बिजली जल्दी-जल्दी भागती है और काफी टाइम के लिए शटडाउन रहता है। और बिजली भगाने के बाद बैकअप आपके बैटरी इन्वर्टर पर रहता है। तो इस कंडीशन में आपको महीने में एक बार हमेशा बैटरी को सर्विस कर लेना चाहिए।औ

र बैटरी में पानी हमेशा चेक करते रहना चाहिए इससे आपकी बैटरी की लाइफ हमेशा अच्छी रहेगी और आपकी बैटरी कभी भी खराब नहीं हो पाएगी जितनी जल्दी-जल्दी बिजली जाती है। उतनी जल्दी-जल्दी आपकी बैटरी डिस्चार्ज होती है। और इस कंडीशन में चार्ज होती है तो आपकी बैटरी पानी की खपत ज्यादा करती है।

अगर आपने टाइम टू टाइम बैटरी का पानी चेक नहीं किया तो आपकी बैटरी सूख जाएगी और वह खराब हो जाएगी और आपको बैकअप नहीं मिल पाएगा इससे बचने के लिए आपको बैटरी की लाइफ बनाने के लिए बैटरी को हमेशा पानी चेक  करते रहना है।

इनवर्टर की बैटरी फटने के कारण।

अगर इन्वर्टर की बैटरी को अधिक चार्ज किया जाता है तो यह गर्म हो जाती है, जिससे उसमें गैस उत्पन्न हो जाती है। इससे बैटरी के फटने के चांस बढ़ जाते हैं। और  बैटरी की उम्र के साथ, उसका काम करने की कैपेसिटी भी कम हो जाता है। और जिससे यह फट सकती है।अगर बैटरी को सही तरीके से चार्ज नहीं किया किया जाता है। तो बैटरी के फटने के ज्यादा चांस रहते हैं।इन कारणों के अलावा, बैटरी का उपयोग और देखभाल सही तरीके से नहीं किया जाता हो तो भी यह फट सकती है।

बैटरी का पानी पीने से क्या होता है।

इन्वर्टर बैटरी का  पानी पीने से गंभीर हानिकारक परिणाम हो सकते हैं। बैटरी में पानी या इलेक्ट्रोलाइट एक समाधान होता है जो आमतौर पर पानी और सल्फुरिक एसिड से बना होता है। यह सल्फुरिक एसिड अत्यधिक अम्लीय होता है और जब यह मानव शरीर के साथ होता है, तो यह कुछ गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।इनवर्टर बैटरी का पानी पीने से शरीर के अंदर जलन मचने लगती है और यह त्वचा को अंदर से जला भी सकता है।

क्योंकि इसके अंदर सल्फ्यूरिक एसिड मिला होता है। जो पेट में पहुंचने के बाद पेट को जला सकता है। इन समस्याओं के अलावा, इसके अन्य दुर्घटनात्मक परिणाम भी हो सकते हैं। इसलिए, इन्वर्टर बैटरी का पानी पीने से बचना बेहद महत्वपूर्ण है। और यदि ऐसा हो जाता है, तो तुरंत चिकित्सीय सहायता लेना चाहिए।

बैटरी का पानी कैसे बनाएं।

बैटरी के पानी बनाने के लिए आपको पानी और सल्फ्यूरिक एसिड की आवश्यकता होती है। सल्फ्यूरिक एसिड को अम्ल के रूप में बनाया जाता है।,सल्फ्यूरिक एसिड अम्लीय होता है ।और इसका संपर्क त्वचा और आंत्रिक अंगों के साथ हानिकारक हो सकता है। इसलिए, इसे तैयार करते समय आपको सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए,

जैसे कि बहुत ही अच्छे वेंटिलेटेड क्षेत्र में काम करना और आंखों, हाथों, त्वचा के संपर्क से बचना।साफ पानी को एक कंटेनर में डालें और फिर उसमें  सल्फ्यूरिक एसिड को धीरे से मिलाएं। यह ध्यान दें कि पहले पानी को डालें और फिर ही  सल्फ्यूरिक एसिड को मिलाएं, क्योंकि सल्फ्यूरिक एसिड को पानी में मिलाने से उत्पन्न होने वाली भाप के कारण उसमें टेंपरेचर बढ़ जाता है।

पानी और सल्फ्यूरिक एसिड को अच्छे से मिलाएं ताकि एक होमोजीनस सॉल्यूशन बने।बनाया गया इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन विशेष ध्यान और सावधानी के साथ संभाला जाना चाहिए, और उसे बच्चों और पालतू जानवरों से दूर रखा जाना चाहिए।

इस तरह, आप बैटरी के लिए पानी का सही सॉल्यूशन तैयार कर सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि बैटरी का पानी तैयार करते समय सुरक्षा उपायों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है।

इन्वर्टर बैटरी खराब होने के लक्षण।

  • चार्जिंग में समस्या: इन्वर्टर बैटरी को चार्ज करने में समस्या होने के कारण बैटरी खराब हो जाती है। इसमें बैटरी के समाधान में लाभ कम होता है या चार्जिंग का समय बढ़ जाता है।
  • जल्दी डिस्चार्ज: बैटरी का जल्दी से डिस्चार्ज होना, जैसे कि इन्वर्टर का उपयोग बिना बिजली के किए जाता है, यह भी इनवर्टर बैटरी का खराब होने का लक्षण हो सकता  है।
  • बैटरी की उम्र: यदि बैटरी उम्र से पहले ही कमजोर हो जाती है और अच्छी बैटरी लॉन्ग टाइम नहीं चल पाती है, तो यह एक बैटरी के खराब होने का संकेत हो सकता है।
  • गरम होना: जब इन्वर्टर बैटरी असामान्य रूप से गर्म होती है, तो यह उसके खराब होने का लक्षण हो सकता है।
  • चार्ज के बाद भी बैटरी कम चार्ज रहती है: बैटरी को चार्ज करने के बाद भी यदि यह जल्दी से डिस्चार्ज हो जाती है, तो यह बैटरी के खराब होने का लक्षण हो सकता है।
  • गंध या बैटरी से आने वाली धुआं: अगर बैटरी से कोई अनूठी गंध या धुआं आ रहा है, तो यह बैटरी में कोई समस्या हो सकती है।

इनवर्टर की बैटरी में पानी कैसे डालें।

  • सबसे पहले इनवर्टर बैटरी के कनेक्शन को ढंग से बंद कर दें।इनवर्टर का डिस्कनेक्ट बटन दबाकर बैटरी को बंद करें अब बैटरी के टॉप को हटाए ताकि आप पानी डाल सकें पानी को बैटरी के हर सेल में ध्यान से डालें अब बैटरी के टॉप को हटाएं ताकि आप पानी डाल सकें। पानी को ध्यान से बैटरी के हर सेल में डालें।पानी को धीरे-धीरे डालें ताकि जिससे कि पानी बाहर ना आ पाए और बैटरी के सेल पूरी तरीके से पानी से फूल हो जाए। 
  • पानी को बैटरी की ऊपर तक टॉप मार्क तक भरे। अब  बैटरी के टॉप को ध्यानपूर्वक बंद कर दें। 
  • और बैटरी को इनवर्टर से जोड़ दें और सप्लाई कनेक्ट स्टार्ट कर दें।
  • ध्यान दें कि जब भी आप बैटरी में पानी डालें उसे टाइम बैटरी से बैकअप बिल्कुल भी ना ले अगर आप पानी डालने के बाद बैटरी से बैकअप लेते हैं तो वह डिस्चार्ज कंडीशन में चली जाएगी।

बैटरी में पानी कब डालना चाहिए।

इनवर्टर बैटरी में पानी की जरूरत उस समय होती है। जब बैटरी का इलेक्ट्रोलाइट स्तर नीचे जाता है और बैटरी के सेल में पानी की कमी हो जाती है। बैटरी में पानी डालने का सही समय बैटरी के साथ-साथ इन्वर्टर की लाइफस्पैन और इस्तेमाल के तरीके पर निर्भर करता है। लेकिन, आमतौर पर, बैटरी में पानी डालने की जरूरत इन्वर्टर का प्रतिनिधित्व लाइट जब बार-बार चमकने लगता है। या इनवर्टर की साउंड कुछ कम हो जाती है, तो इसमें आपको समझ लेना चाहिए कि पानी का लेवल कम है।

आमतौर पर, बैटरी की सेलों को देखकर पानी की लेवल को समझा जा सकता है। यदि सेलों की ऊपरी सीमा के नीचे पानी का स्तर हो, तो बैटरी में पानी डालने की आवश्यकता है।

क्या बारिश का पानी बैटरी में डाल सकते हैं।

नहीं, बारिश का पानी बैटरी में डालना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। बैटरी में पानी डालने से यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि बैटरी में आमतौर पर अम्लीय या अद्वासी लिक्विड होता है जो बहुत हाई वॉटर को विद्युत करने की कैपेसिटी रखता है। अगर आप बैटरी में पानी डालते हैं, तो यह बैटरी को हानि पहुंचा सकता है और यह उसकी कार्य करने की कैपेसिटी को कम कर सकता है, या फिर यहाँ तक कि उसे पूरी तरह से खराब भी कर सकता है।

अगर आपकी बैटरी में पानी की आवश्यकता है, तो केवल डिस्टिल्ड वॉटर का प्रयोग करें जो उसके लिए जरूरी हो। आमतौर पर, डिस्टिल्ड वॉटर या डेमिनरलाइज्ड पानी का उपयोग किया जाता है।

बैटरी का पानी कैसे चेक करते हैं

अगर आपको नहीं पता की बैटरी में पानी कैसे चेक किया जाता है। तो मैं आपको बता दूं हर बैटरी के ऊपर एक वाटर इंडिकेटर लगा होता है। जिसकी मदद से आप बैटरी में पानी चेक कर सकते हैं। की बैटरी में पानी मौजूद है या नहीं वाटर लेवल लेवल इंडिकेटर पर दो निशान मौजूद होते हैं जिसमें पहला निशाना Green ग्रीन होता है।

और दूसरा निशान Red यानी लाल रंग का होता है। ग्रीन कलर का मतलब होता है कि आपकी बैटरी में पानी पूरा है यानी पानी मौजूद है और अगर इंडिकेटर रेड कलर के निशान पर है। तो आपको पानी डालने की जरूरत है। रेड कलर के निशान पर आपको पानी डालना होगा

जैसे ही आप बैटरी में पानी डालेंगे तब आपका इंडिकेटर ऊपर की तरफ को जाने लगेगा और बैटरी में पानी फुल होने पर इंडिकेटर Green ग्रीन कलर के लेवल पर आ जाएगा जिसका मतलब होता है कि बैटरी में पानी पूरा हो चुका है। 

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Primax Channel

Experienced electrician specializing in repairing home appliances such as inverters, ACs, and refrigerators. Committed to efficient and reliable service.

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